पैसा

Money Poem

पैसा रे पैसा,
तूने इन्सान को बना दिया कैसा ?
आज पैसा ही सबका दाता है,
पैसे से ही सबका नाता है || १ ||

पैसा ही सबका पिता है,
पैसा ही सबकी माता है |
आज पैसा कमाने के लिए,
हर कोई रात रातभर जागता है |
जिसने जिसने जनम लिया इस धरती पर,
हर वो पैसे के पीछे भागता है || २ ||

आज पैसा ही सबके रिश्ते है,
पैसेसे ही सबके नाते है |
पैसा नही जिसके पास,
उसे उसके अपने भी छोड जाते है || ३ ||

जनम से लेकर मौत तक,
पैसे के ही लिए है जागना और सोना |
पैसे पर ही निर्भर है जिंदगी सबकी,
पैसे के लिए है जिंदगी भर का रोना || ४ ||

पैसा सबकी जान है,
पैसेसे ही आज इन्सान की पहचान है |
पैसे की किसे जरुरत नही,
पैसा सबके लिए भगवान है || ५ ||

मीठा जहर है ये पैसा,
सबपर छा गया नशा जैसा |
पैसा रे पैसा,
तूने इन्सान को बनादिया भिकारी जैसा || ६ ||

अजीतसिंघ जाठ.
मो : +९१ ८१४९३१७१११

चेहरे दिखावे के

चेहरे दिखावे के

ऐ दिल ना बन इतना सेंटी,
क्योंकी लोगोकी नही कोई गॅरंटी |
मुस्कूराकर पहचान बनाकर चले आते है,
अगले ही दिन मगर उनके चेहरे बदल जाते है || १ ||

हर किसीको अपना समझने की,
गलती कभी नहीं करना |
वर्णा पछतावेकी अंगार में,
खुदही होगा जलना || २ ||

एक चेहरा दिखाकर चलते है लोग,
और एक चेहरा छुपाकर |
दुश्मनी करते है यहाँ लोग,
दोस्ती का मुखौटा लगाकर || ३ ||

अजीतसिंघ जाठ.
मो : +९१ ८१४९३१७१११